क्या कोरोना की वजह से पेट्रोल और डीज़ल के दाम आने वाले दिनों में कम हो सकते हे ?

क्या कोरोना की वजह से पेट्रोल और डीज़ल के दाम आने वाले दिनों में कम हो सकते हे  ?

आज कोरोना के चलते देश और दुनिया पूरी तरह से लॉकडाउन में हे,जिससे कारोबार,परिवहन,हवाइयां उड़ान जैसी सेवाएं भी बंद हे,तो फिर हमारे दिमाग में यह खयाल आता होगा की भले ही सब कुछ बंद हे, पर क्या इससे हमें कुछ फायदा हो सकता हे ?

लॉकडाउन के बाद या कभी भी क्या पेट्रोल और डीज़ल के दामो में कटौती देखने को मिल सकती है ? क्या पेट्रोल और डीजल के दाम में हमें थोड़ी राहत मिलेगी ? तो उसका जवाब जानने ने लिए India Coverage के साथ जुड़े रहे।

Petrol Pump

तो आप के इस सवाल का जवाब में आपको सीधे बता दूंगा तो शायद आपको समझ ने में थोड़ी दिक्कत हो सकती हे और में भी आपको अच्छे से ना समझा पाउ तो हम कुछ Basics से शुरू करते हे,तो चले शुरू करे।


पेट्रोल और डीज़ल के भाव कैसे तय किये जाते हे ?

पेट्रोल को बनाने के लिए हमें कच्चा तेल (Crude oil) चाहिए होता हे, की जिसे हमें बाहर से Import करना पड़ता हे, क्युकी इंडिया में हमें इतना तेल नहीं मिल पाता  की जिससे हम पुरे देश की जरूरियात को पूरी कर सके। 

इस लिए हम 80 फीसदी तक का कच्चा तेल(Crude oil) दूसरे देशो से मंगवा ते है।कच्चा तेल(Crude oil) Barrel में आता हे और हर देश को कच्चे तेल(Crude oil) को Dollar / Barrel में ही लेना पड़ता हे। और 1 Barrel में करीब 159  Litter कच्चा तेल(Crude oil) आता हे।

अब भाव कैसे तय किया जाता हे वह हमें 2018 के भाव पत्रक को ध्यान में रख कर समझना पड़ेगा। 2018 में 1 Barrel की क़ीमत 86 Dollar थी  और हम मान के चले की अगर 2018 में  1 Dollar के 67 Rupees है, तो हमें 1 Litter कच्चा तेल(Crude oil) तब करीब करीब 38 या 39 रुपये में पडता है ,फिर भी हम उस भाव में नहीं खरीद पाते क्युकी उस पर Central Government एक्साइज ड्यूटी लगा ती हे उसके बाद State Government वेट लगाती हे  और बचाकुचा 3 या 4 रूपये प्रति Litter जितना कमीशन पेट्रोल पंप वाले ले लेंते हे। 

और अंत में  (Bharat Petroleum , Indian Oil)  हमें पेट्रोल 70 से 80 रुपये प्रति Litter देते है । तो क्या कोरोना की वजह से आने वाले दिनों पेट्रोल और डीज़ल के दाम कम होंगे ?


अब में आपको  आज की परिस्थिति से हूबहू कराना चाहता हु। 

तो सुनो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी वेस्ट टैक्सास इंटरमीडिएत (American West Texas Intermediate) में कच्चे तेल(Crude oil) का भाव गिरते गिरते लगभग 0 Dollar तक पहुंच गया और 0 से भी गिर कर 20 अप्रेल 2020 को तो -35.20 Dollar तक चला गया था।


कच्चा तेल(Crude oil) (-) हो गया था पर इससे आप खुश मत होोइए की इंडिया में तेल अब मुफ्त में मिलेगा। बस कुछ ही दिन पहले कच्चे तेल(Crude oil) की कीमत  60 फीसदी से जयादा गिरकर 25 Dollar / Barrel के आस पास पहुंच गई। और आज तो कच्चे तेल(Crude oil) के दाम 17.31 Dollar यानि हमें आज की तारीख में तो 1 लिटिर कच्चा तेल(Crude oil) 8.27 रुपये में ही पड़ता हे. इसका मतलब हमारे देश में मिलने वाली पानी की बोतल से भी 12 रुपये कम ? 

जी हां 12 रुपये कम। यानि कच्चा तेल(Crude oil) पानी से भी सस्ता।तब सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी के तौर पर 1 Litter पर 3 रुपये बढ़ा दिये और एक्साइज ड्यूटी को एडजस्ट करने में लग गई , की जिससे सरकार को मिलने वाले टेक्स में कटौती ना दिखे। इसी लिए आज देश में पेट्रोल और डीज़ल के भाव में कटौती नहीं मिल रही हे।



इसे हम 3 तरीके से समझ सकते हे, की सरकार को इन्वेंट्री बढाने का अच्छा मौका मिल गया हे। सरकार सस्ते कच्चे तेल(Crude oil) का फायदा उठाकर अच्छा खासा स्टॉक जमा कर सकती हे, की जिससे उसे बाद में महंगा ले कर अपने टेक्स में कटौती ना करानी पड़े। जिससे सरकार को मिलने वाले टेक्स में कमी ना आये, और दूसरा की सरकार इस पैसे को इंफ्रास्ट्रक्चर और देश के विकास के कार्यो पर खर्च कर पाएं और मौजूदा हालत को देखते हुए यह जरुरी हे। 

और तीसरा की जो मुझे लगता हे, की लॉकडाउन की वजह से पेट्रोल की खपत कम हे ऐसे में सरकारी कंपनिया कीमते कम भी करे तो भी  ज्यादा लोगो को उसका फायदा नहीं होगा। इस वजह से कंपनिया दाम नहीं घटा रही और एक्साइज ड्यूटी कम करने में लगी हे। 


एक उदहारण आपके सामने पेश करना चाहता हु। 

2014 और 2015 में जब कच्चे तेल(Crude oil) की क़ीमत 118 Barrel से लेकर 40.5 Barrel तक गिर गई थी तब सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और वेट बढ़ा कर पूरा फायदा सरकार ने लिया और मुझे और आप को एक रुपये तक का भी फायदा नहीं हुआ। पर जब Barrel प्रति Litter भाव बढ़ा तब सरकार ने अपने टेक्स में कटौती नहीं होने दी। क्युकी इससे सरकार को मिलने वाला टेक्स कम हो जाता और इस लिए सरकार पेट्रोल और डीजल के भाव कम नहीं कर सकती।और कभी कभी करती भी हे,तो 2 रुपये कम करेंगी और वापिस कुछ दिनो मे  फिर से 3 या 5 रुपये टेक्स के नाम पर बढ़ा देंगी।


इससे मुझे लगता हे की जब जब कच्चे दाम गिरे हे तब तब सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और वेट के नाम पर अपना टेक्स बढ़ा दिया हे। और पेट्रोल और डीज़ल के दाम को गिरने नहीं दिया हे की जिससे हमें फायदा हो।इसी इसलिए चाहे कारोबार,परिवहन,हवाइयां उड़ान जैसी सेवाएं भी क्यों ना बंध हो जााए तो भी हमें फायदा नहीं मिलने वाला और लॉकडाउन या कोरोना के बाद भी हमें पेट्रोल और डीज़ल के दामों में कटौती नहीं दिखने वाली।अगर दिख भी गई तो मेने आपको ऊपर बताया वैसा कि 2 या 3 रुपए ही कम होगा बस।  

तो दोस्तो मुझे पूरा विश्वास है कि अब आपको ये समझ आ गया होगा की क्यों लोकडाउन के बावजूद पेट्रोल के दामों में ज्यादा कटौती देखने को नहीं मिल रही। ओर अभी भी अगर आपको कोई सवाल करना हो इस आर्टिकल के बारे में तो कमेंट कर जरूर बताए। धन्यवाद्।


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Note:- कृपया ध्यान दे । हमारे इस आर्टिकल को बनाने का मुख्य हेतु लोगो तक अपनी बाते पोहचाना ओर थोड़ा बोहोत नॉलेज देना है ना कि किसी भी इंसान या लोगो पे इल्जाम या बुरा भला कहना। धन्यवाद्।





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