Types of Drilling Machines in Hindi । ड्रिलिंग मशीन कितने प्रकार के होते हे।


ड्रिलिंग मशीन (Drilling Machine) कितने प्रकार के होते हे ये जानने से पेहेले हमें ये जानना जरुरी हे की ड्रिलिंग क्या होता हे। "What is Drilling

ड्रिलिंग (Drilling) एक क्रिया हे जिसमे किसी भी सॉलिड मटेरियल (Solid Material) यानि की सख़्त वस्तु को रोटेटिंग कटिंग टूल्स (Rotating cutting tools) से छेद (Hole) किया जाता हे। और इसी प्रोसेस को हम ड्रिलिंग कहते है।  


Types of Drilling Machine in Hindi।  ड्रिलिंग मशीन के प्रकार हिंदी में।  


मशीन कुल 2 प्रकार के होते हे। 

1] Portable Drilling Machine (पोर्टेबल  ड्रिलिंग मशीन )

2] Stationary or Fixed  Drilling Machine ( स्टेशनरी / फिक्स्ड ड्रिलिंग मशीन )



1] पोर्टेबल ड्रिलिंग मशीन क्या होता हे। What is Portable Drilling Machine in Hindi 

इस प्रकार की मशीने वज़न में हल्की होती हे।  इस वजह से हम इसे हाथ में पकड़ कर भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हे। और साथ ही हम इसे इलेक्ट्रिसिटी द्वारा भी चला सकते हे। और तो और Portable Drilling Machine को हम आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा सकते हे। और इस प्रकार की मशीनो से 13 mm तक के Drill किये जा सकते हे।  


2] स्टेशनरी / फिक्सड ड्रिलिंग मशीन क्या होता है। What is Stationary or Fixed Drilling machine 

इस प्रकार की मशीनें वजन मे भारी होती है और इन्हें चलाने के लिए हमें बिजली का प्रयोग करना पड़ता है। और इस प्रकार की मशीनों का ज्यादातर प्रयोग वर्कशॉप में किया जाता है। इन मशीनों की खास बात ये है कि इनको हम अलग अलग speed यानी गति से चला कर इस्तेमाल कर सकते है। इन मशीनों में Heavy Metals में ड्रिलिंग के लिए कूलेंट का इस्तेमाल करने की भी व्यवस्था प्रदान की गई है। और इन मशीनों में एक ओर ख़ास बात ये भी हे कि इसमें अलग अलग Design या Shape के वर्कपीस (Workpiece) को फिक्स्ड (Fixed) करने के लिए अलग अलग क्लैम्प की व्यवस्था भी की गई है।

स्टेशनरी / फिक्सड ड्रिलिंग मशीन की एक ओर ख़ास बात ये है कि इनमें ना केवल ड्रिलिंग (Drilling) बल्कि इसके अलावा टैपिंग (Tapping)   रीमिंग (Reaming)  काउंटर सिंकिंग (Countersinking) और काउंटर बोरिंग (Counterboring) भी किया जा सकता है। और स्टेशनरी मशीनो द्वारा किये गए वर्कपीस के hole हमें एक्यूरेट मिलते हे। और इन मशीनो की मदद से हम मोटे से मोटे जड़ाई वाले वर्कपीस में भी ड्रिल कर सकते हे। 

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पोर्टेबल ड्रिलिंग मशीन के प्रकार। Types of  Portable Drilling Machine in Hindi 

1] Hand Drilling Machine [ हैंड ड्रिलिंग मशीन ]

2] Breast Drilling Machine [ ब्रैस्ट ड्रिलिंग मशीन ]

3] Ratchet Brace Drilling Machine [ रैचट ब्रेस ड्रिलिंग मशीन ]

4] Electric Portable Drilling Machine [ इलेक्ट्रिक पोर्टेबल ड्रिलिंग मशीन ]

5] Pneumatic Drilling Machine [ न्यूमेटिक ड्रिलिंग मशीन ]



1] Hand Drilling Machine [ हैंड ड्रिलिंग मशीन ]

हैंड ड्रिलिंग मशीन में 6mm साइज के ड्रिल को Drill Machine के चक में फिट करके चलाया जाता हे। और सबसे ज्यादा इस मशीन का प्रयोग कार्पेन्टरी में किया जाता हे। 


2] Breast Drilling Machine [ ब्रैस्ट ड्रिलिंग मशीन ]

ब्रैस्ट ड्रिलिंग मशीन दिखने में हैंड ड्रिलिंग मशीन जैसी ही होती हे।  इसमें सबसे ऊपर हैंडल  स्थान पर एक ओवेल प्लेट लगी होती है। यह ओवल प्लेट लगाने का मुख्य कारण यह हे की इसको सीधा breast यानी सीने से लगाकर मशीन पर pressure यानी ताकत दी जाती हे। ताकि ड्रिल आसानी से और कम ताकत से किया जा सके। इस मशीन का नाम ब्रैस्ट ड्रिल मशीन इसीलिए दिया गया हे क्यू की इसको सीने से लगाकर इस्तेमाल करते हे। इस मशीने से 12mm तक का ड्रिल किया जा सकता हे। 


3] Ratchet Brace Drilling Machine [ रैचट ब्रेस ड्रिलिंग मशीन ]

रैचट ब्रेस ड्रिलिंग मशीन में बड़े साइज के ड्रिल किये जाते हे। और इन मशीन से किये जाने वाले ड्रिल की साइज हैंड ड्रिल मशीनो की तुलना में बोहोत ज्यादा होती हे। ज्यादातर इस प्रकार की मशीनो का इस्तेमाल ऐसी जगह पर किया जाता हे जहा बिजली आसानी से मिल सके, जैसे की गार्डन या रेलवे लाइन्स में इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता हे।


4] Electric Portable Drilling Machine इलेक्ट्रिक पोर्टेबल ड्रिलिंग मशीन

इस प्रकार की मशीनो को भी बिजली द्वारा चलाया जाता हे लेकिन इन मशीनो की ख़ास बात ये हे की ये AC करंट और DC करंट दोनों का इस्तेमाल करचलाया जाता हे। इसके साथ साथ इन मशीनो का प्रयोग कर किये गए ड्रिल यानी होल बेहद आसानी से और एक्यूरेट होते हे। 


5] Pneumatic Drilling Machine न्यूमेटिक ड्रिलिंग मशीन 

न्युमेटिक ड्रिलिंग मशीन का ज्यादातर इस्तेमाल वाहा किया जाता हे जाहा बिजली उपलब्ध होना बेहद कठिन हो या फिर ना मिलती हो। दोस्तों ये मशीन Air के pressure से यानी की हवा के दबाव से चलती हे। और  ज़्यादातर इनका इस्तेमाल पानी में चलने वाली समुंद्री जहाजों में किया जाता हे। ऐसा इसलिए किया जाता हे क्यू की वाहा बिजली से चलने वाली मशीने काम नहीं करती। 


स्टेशनरी / फिक्सड ड्रिलिंग मशीन के प्रकार। Types of  Stationary or Fixed Drilling Machines In Hindi 

स्टेशनरी या फिक्स्ड ड्रिलिंग मशीन कुल 6 प्रकार की होती हे।  

1] Bench Drilling Machine [ बेंच ड्रिल मशीन ] 

2] Pillar type Drilling Machines [ पिलर टाइप ड्रिलिंग मशीन ]

3] Column Type Drilling Machine [ कॉलम टाइप ड्रिलिंग मशीन ]

4] Radial Drilling Machine [ रेडियल ड्रिलिंग मशीन ]

5] Gang Drilling Machine [ गैंग ड्रिलिंग मशीन ]

6] Multi Spindle Drilling Machine [ मल्टी स्पिंडल ड्रिलिंग मशीन ]


1] Bench Drilling Machine [ बेंच ड्रिल मशीन ]

इन मशीनो का नाम बेंच ड्रिलिंग मशीन इसलिए रखा गया हे क्यों की इन मशीनो को बैच पर फिट करके इनका इस्तेमाल किया जाता हे। और इन मशीनो को सेंसिटिव ड्रिलिंग मशीनो के नाम से भी जाना जाता हे। इन मशीनो के इस्तेमाल से 13mm तक के ड्रिल किये जा सकते हे। और यह ड्रिल करने के लिए ड्रिल को चक में क्लैंप करके सेंक में फिट किया जाता हे और फिर ड्रिल किया जाता हे।  


2] Pillar type Drilling Machines [ पिलर टाइप ड्रिलिंग मशीन ]

 पिलर ड्रिलिंग मशीन भी हूबहू बेंच ड्रिलिंग मशीन जैसे ही होते हे। लेकिन बेंच ड्रीलिंग मशीन से 13mm diameter तक के ड्रिल का इस्तेमाल कर drill किये जाते हे, और पिलर टाइप ड्रिलिंग मशीन में 25mm की साइज तक के ड्रिल आराम से फिट हो सकते हे और ड्रिलिंग कर सकते हे। और तो और इस मशीन के स्पिंडल में टेपर बोर कटा होता हे।  जिसमे बड़े साइज  के ड्रिल को आसानी से फिट कर ड्रिल किया जा सकता हे। 


3] Column Type Drilling Machine [ कॉलम टाइप ड्रिलिंग मशीन ]

कॉलम टाइप ड्रिलिंग मशीन एक ऐसी मशीन हे जिसमे बड़े से बड़े साइज के और गहेरे ड्रिल किये जाते हे। इन  मशीनो को हैवी ड्यूटी ड्रिलिंग मशीन के नाम से भी जाना जाता हे। इन मशीनो को आटोमेटिक भी फिट किया जा सकता हे।  इन मशीनो को कॉलम मशीन इसलिए कहा जाता हे क्यू की इसमें एक मजबूत कॉलम लगा होता हे ,जिसमे एक कैरेज फिट होता हे और इस कैरेज में आटोमेटिक फीड लीवर लगे होते हे। और इस लीवर को कॉलम पर कही भी सेट कर सकते हे। और तो और कैरेज के निचे एक वर्किंग टेबल होता हे। और उसे भी हम जॉब की hight यानी उचाई के अनुसार सेट कर सकते हे।  


4] Radial Drilling Machine [ रेडियल ड्रिलिंग मशीन ]

इस मशीन की सबसे ख़ास बात ये हे की इस मशीन में जॉब को टेबल पर क्लैंप करके इसके ड्रिलिंग हेड को कही भी आसानी से एडजस्ट किया जा सकता हे और ड्रिलिंग किया जा सकता हे। और जॉब को बिना हिलाये एक ही स्थान पर ड्रिल यानी होल किया जाता हे। इस मशीन में एक Cast Iron का बेस भी लगा होता हे। जिसके एक एन्ड पर पिलर लगा होता हे। जिसमे एक लम्बा चौड़ा रेडियल आर्म लगा होता हे। और इसमें ऐसी व्यवस्था की गयी हे जिसमे आर्म को चारो और घुमाया जा सकता हे। और इसके आलावा इस आर्म को ऊपर निचे दोनों तरफ आसानी से सेट भी किया जा सकता हे।  इस radial arm पे एक कैरेज भी लगा होता हे , जिस पर मोटर और स्पिंडल हेड लगे होते हे।  कैरेज को रेडियल आर्म पर आगे पीछे कही भी सेट किया जा सकता हे। इस मशीन को manually और automatic तरीके से भी चलाया जा सकता हे।  


5] Gang Drilling Machine [ गैंग ड्रिलिंग मशीन ]

इस मशीन का नाम गैंग ड्रिलिंग मशीन इसलिए रखा गया हे क्यों की एक ही मशीन पर दो या दो से ज्यादा स्पिंडल लगे होते हे। इस मशीन के सभी हेड पर अलग अलग मोटर लगी होती हे।  इस मशीन को हाथ या फिर फीड देकर चलाया जा सकता हे।  इस मशीन की ख़ास बात ये भी हे की इस मशीन के हर एक स्पिंडल को एक साथ या फिर अलग अलग चलाया जा सकता हे। और प्रत्येक स्पिंडल की गति को और उसमे लगे फीड को बढ़ाया या घटाया जा सकता हे।  इसके साथ साथ इस मशीन में एक वर्टिकल टेबल भी लगा होता हे। जिसको आप ऊपर निचे एडजस्ट कर सकते हे। इस मशीन का ज्यादातर उपयोग Mass Production में किया जाता हे।  


6] Multi Spindle Drilling Machine [ मल्टी स्पिंडल ड्रिलिंग मशीन ]

इस मशीन का प्रयोग भी मास प्रोडक्शन के उत्पादनो में किया जाता हे। इस मशीन में भी एक से अधिक स्पिंडल लगे होते हे। इसमें एक मैन स्पिंडल होता हे जो मोटर के साथ जुड़ा होता हे। और ये मैन स्पिंडल चलने पर बाकी सारे स्पिंडल भी चलने लगते हे।  इस मशीन के स्पिंडल में अलग अलग साइज के ड्रिल फिट किये जा सकते हे। इस मशीन में स्पिंडल को किसी भी स्थान में सेट किया जा सकता हे। इस मशीन की ख़ास बात ये भी हे की इसमें सभी प्रकार के Drilling Operations किये जाते हे जैसे की  Drilling , Tapping , Reaming ,Chamfering  जैसे कही कार्य एक साथ किये जाते हे।


 
ड्रिलिंग मशीन पर काम करते वक़्त रखने वाली सावधानिया 

1] ड्रिल मशीन द्वारा ड्रिल करने से पहले ड्रिल और ड्रिल मशीन दोनों को अच्छे से साफ़ करना चाहिए। 

2] ड्रिल को ड्रिल मशीन में अच्छे से फिट कर लेना चाहिए ताकि उससे ड्रिल अच्छे से हो सके और ड्रिल बिट टूटने की संभावनाएं भी बोहोत कम हो जाती हे। 

3] ड्रिल की एजिस अच्छे से ग्राइंड की होनी चाहिए ताकि कम समय में जल्दी  ड्रिल हो सके। 

4] ड्रिल करने से पहले जॉब को क्लैंप द्वारा अच्छे से फिट कर लेना चाहिए और साथ ही टेबल को भी अच्छे से फिक्स्ड करना चाहिए।  

5] बड़े ड्रिल करने से पहले छोटे ड्रिल कर लेना चाहिए ताकि उससे बड़े ड्रिल करने में आसानी होती हे। 
 
6] ड्रिल करते समय ड्रिल को ठंडा करने के लिए कूलेंट की भी व्यवस्था होनी चाहिए।  

7] अगर गहरा ड्रिल करना हो तो  ड्रिल को थोड़ी थोड़ी देर बाद बाहर निकालना चाहिए और जॉब या ड्रिल में रही चिप्स को बहार निकालना चाहिए 




Kalpesh Solanki

नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग को बनाने का मेरा मुख्य हेतु भारत के यानी मेरे देश के लोगो को हिंदी भाषा में जानकारी देना है। में ब्लॉग इसलिए लिखता हूं ताकि में लोगो को सही ओर सटीक जानकारी इंग्लिश की बजाय हिंदी में दे सकु। में किसी भी निश्चित टॉपिक पे अपना ब्लॉग नहीं बनाता। मुझे जो भी अच्छा लगता है में उसी पे ब्लॉग बनाना पसंद करता हूं। ओर कहीं बार में ऐसे भी ब्लॉग लिखना पसंद करता हूं जिसमें मुझे भी थोड़ा बोहोत सीखने को मिले। तो दोस्तो में ये उम्मीद करता हूं कि आपको भी हमारा ब्लॉग पसंद आता होगा।

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