What is belt drive in Hindi. Types of belt drive in hindi

Belt Drive किसे कहा जाता है। Belt Drive कितने प्रकार के होते है। 

बेल्ट ड्राइव क्या होती है, उसको समझने से पहेले हमें ड्राइव क्या होती है वो समझना जरूरी है। 


What is Drive in hindi।

Drive एक ऐसी Mechanical System है जिसकी मदद से Motion और Power दोनों को एक शाफ़्ट से दूसरी शाफ़्ट में transmit किया जा सकता है। 


Drive कुल 2 प्रकार की होती है। 

1] Friction Drive:- 

2] Engagement Drive:-


1] Friction Drive किसे कहा जाता है।

फ्रिक्शन ड्राइव उसे कहा जाता है जिसमें motion और power का transmission फ्रिक्शन के द्वारा किया जाता हो। Friction drive भी दो प्रकार की होती है जिसमें 1) Belt Drive और 2) Rope Drive


2] Engagement Drive किसे कहा जाता है।

यह एक ऐसी Mechanical Drive है जिसमें Motion और Power का ट्रांसमिशन Engagement द्वारा किया जाता हो। इस ड्राइव में दो part आपस में एक दूसरे से जुड़कर चलते है। या फिर यूं कहे कि engage या mesh होकर चलते है। Engagement Drive भी दो प्रकार की होती है जिसमें  1) Gear Drive और 2) Chain Drive

यह भी पढ़े : difference between Gear drive & Chain Drive 


What is Belt drive in Hindi। बेल्ट ड्राइव किसे कहा जाता है?

बेल्ट ड्राइव एक प्रकार की Frictional Drive है जिसमें power और motion का ट्रांसमिशन एक शाफ़्ट से दूसरी शाफ़्ट में friction के द्वारा किया जाता है।

बेल्ट ड्राइव में Pulley और Belt का उपयोग होता है। इस ड्राइव में जब बेल्ट और पुली के बीच फ्रिक्शन पैदा होता है तब वो power और motion को एक shaft से दूसरी shaft में transmit करता है।

बेल्ट ड्राइव में एक बेल्ट जो flexible material होता है उसको दो पुली की surface पे rotate करवाया जाता है। और फ्रिक्शन पैदा किया जाता है। ओर इस फ्रिक्शन कि मदद से Power ओर Motion का ट्रांसमिट किया जाता है।

जैसा की आप निचे figure में देख सकते हे की इसमें 2 pulley लगी हुई हे जिसमे एक छोटी वाली पुली को Driving Shaft के साथ और दूसरी बड़ी वाली पुली को Driven Shaft के साथ जोड़ा गया है। इसके साथ ही ये दोनों पुली एक endless belt के साथ जुड़ी हुई है।


belt drive in hindi, open belt drive
Belt & Pulley

                        

और जब driving shaft घूमती हे तब वो छोटी वाली पुली को घुमाती हे ओर वो बेल्ट की मदद से बड़ी वाली पुली को यानी driven shaft को घुमाती हे।और ऐसे एक शाफ़्ट से दूसरी शाफ़्ट में Mechanical Power का ट्रांसमिट किया जाता है।

यह भी पढ़े :- Driving shaft और Driven shaft किसे कहा जाता है ।

बेल्ट के Parts में जहां Belt का tension कम होता है उसे belt की Slack Side ओर जहां Belt का tension ज्यादा होता है उसे बेल्ट की Tight Side कहा जाता है। 

यह भी पढ़े:- बेल्ट की Slack Side और tight Side किसे कहा जाता है ? 


Types of Belt Drive in Hindi। बेल्ट ड्राइव के प्रकार हिंदी में ।


According to Shape of Belt & Pulley 

बेल्ट और पुली के आकार के आधार पर बेल्ट ड्राइव 2 प्रकार की होती है 

1] Flat belt drive 

2] V- belt drive 


According to Working Condition

काम की कंडीशन के आधार पर बेल्ट ड्राइव कुल 6 प्रकार की होती है।

1] Open belt drive 

2] Closed or Crossed belt drive 

3] Angular belt drive 

4] Stepped Cone pulley drive 

5] Fast & Loose Cone pulley drive 

6] Jockey Pulley drive 



बेल्ट और पुली के आकार के आधार पर बेल्ट ड्राइव के प्रकार हिंदी मैं :-


1] Flat belt drive क्या होती है 

फ्लैट बेल्ट ड्राइव एक ऐसे प्रकार की बेल्ट ड्राइव है जिसमें बेल्ट फ्लैट यानी (सपाट) होता है। और बेल्ट का cross-Section Area भी rectangular आकार का होता है। जैसा की आप नीचे figure के में देख सकते है कि इस ड्राइव में बेल्ट के अलावा pulley भी flat होती है। इसलिए हम इसे फ्लैट बेल्ट ड्राइव कहते है।

flat belt drive in hindi, belt types
Flat belt & pulley 

Flat belt drive का ज्यादातर उपयोग वाहा किया जाता है जहां पे लंबे अंतराल (long distance) पे power को transmit करने की जरूरत होती है। इस ड्राइव में पॉवर ट्रांसमिशन की अमाउंट कम होती हैं। फ्लैट बेल्ट ड्राइव की efficiency करीब 98% जितनी होती है। और ये ड्राइव less noise produce करती है।

Flat endless belt with pulley drive 

अगर फ्लैट बेल्ट ड्राइव का सबसे बढ़िया उदाहरण देखना हो तो आटे की चक्की वाली मशीन। इस मशीन में एक बड़ा Flat belt लगा होता है और 2 फ्लैट पुली होती है। और ये बेल्ट दो पुली के उपर घूमता है। 


2]  V-belt Drive क्या होती है। 

V- belt drive का ज्यादातर उपयोग Workshop और Factories में किया जाता है। इस ड्राइव का प्रयोग वाहा किया जाता है जहां great amount of power का ट्रांसमिशन करना होता है। यानी की जब ज्यादा power का ट्रांसमिशन करना हो तब Flat Belt drive की बजाए V-belt ड्राइव का इस्तेमाल किया जाता है। V-belt Drive का उपयोग ज्यादातर ऐसी जगह पर किया जाता है जहां कम distance पे power का transmission करने की आवश्यकता होती है। 

अगर V-belt की बनावट की बात करे तो V-belt हमारा Febric और Cord को Rubber में Mould करके बनाया जाता है। और फिर febric और Rubber से cover करके बनाया जाता है।

V-belt drive cross-sectional area
V-belt cross-sectional Area

V-belt का Cross-Section Area "Trapezoidal" आकार का होता है। V-belt का एक angle भी होता है जिसकी डिग्री 30° से 40° जितनी होती है। V-belt drive मे इस्तेमाल होने वाली pulley की design अलग प्रकार की होती है। पुली की डिजाइन इस प्रकार से की जाती है जिसमें एक groove कटा होता है। और उसका angle 32° से 38° जितना होता है। 

यानी की जब बेल्ट को groove वाली पुली में Fit किया जाता है। तब बेल्ट पुली में फस कर चलता है। और तो और  बेल्ट और पुली के बीच एक जगह यानी ( Clearance) gap रखा जाता है ताकी belt और pulley के बीच Wear और Tear ना हो। 

v-belt drive kya hota he
V-belt drive 

यह भी पढ़े :- what is Difference Between Wear & Tear in Hindi


Working Condition के आधार पर बेल्ट ड्राइव कुल 6 प्रकार की होती है।

1]  Open belt drive क्या होती है।

Open belt drive का उपयोग तब किया जाता है जब दो शाफ्टो का arrangement एक दूसरे के समांतर (Parallel) होता है। इस बेल्ट ड्राइव में दोनों pulley की दिशा (directions) एक जैसी होती है। यानी युह कहे कि driving shaft की पुली और driven shaft की पुली दोनों की दिशा एक जैसी होती है, चाहे पुली clockwise direction में घूमे या फिर anti-clockwise direction में घूमे। 

ओपन बेल्ट ड्राइव क्या है
ओपन बेल्ट ड्राइव 

Open belt drive का ज्यादातर प्रयोग वाहा किया जाता है जाहा ड्राइविंग पुली और ड्रिवन पुली के बीच का अंतर ( Distance) ज्यादा होता है। और इस ड्राइव को ऐसे design किया जाता है जिसमें बेल्ट की Slack Side उपर की तरफ रहे और बेल्ट की Tight Side पुली की नीचे की तरफ रहे. Open belt drive मे lap angle बड़ी pulley में बड़ा और छोटी pulley में छोटा होता है। 

belt & pulley arrangement
driving pulley & driven pulley


2] cross belt drive क्या होती है।

Cross belt drive मे भी दो शाफ़्ट की पोजिशन open belt drive जैसी parralel ही होती है। लेकिन इस बेल्ट ड्राइव में पुली के घूमने की दिशा (Direction) एक दूसरे के विरूद्ध (opposite) होती है। 

Cross belt drive में किया गया पॉवर ट्रांसमिशन open belt drive की तुलना में ज्यादा होता है। Cross belt drive में बेल्ट की पोजिशन को Horizontal, Verticle या Incline किसी भी दिशा में रख सकते है। Cross belt drive में बेल्ट की लंबाई open belt drive की तुलना में ज्यादा होती है। इसके साथ साथ क्रॉस बेल्ट ड्राइव में दोनों पुली का Lap angle एक जैसा होता है। यानी की ड्राइविंग पुली का और ड्रिवन पुली का दोनों का लेप एंगल ( Lap Angle) same होता है।

crossed belt, pulley
Crossed belt drive 

और अगर क्रॉस बेल्ट ड्राइव की तुलना ओपन बेल्ट ड्राइव से करे तो ओपन बेल्ट ड्राइव का लेप एंगल क्रॉस बेल्ट ड्राइव के लेप एंगल से कम होता है। यानी क्रॉस बेल्ट ड्राइव का लेप एंगल बड़ा होता है। और जितना हमारा लेप एंगल बड़ा होता है उतना हमारा पॉवर का ट्रांसमिशन ज्यादा होता हैं। इसका मतलब ओपन बेल्ट ड्राइव की तुलना में क्रॉस बेल्ट ड्राइव मैं Power Transmission ज्यादा होता है।

यह भी पढ़े:- Open Belt drive और Crossed Belt drive के बिचका अंतर।

3] Angular belt drive क्या होती है।

angular belt drive का इस्तेमाल वाहा सबसे ज्यादा किया जाता है जहां हमारी शाफ़्ट की पोजिशन 90° या फिर किसी एंगल पे हो।

angular belt drive in hindi
Angular belt drive 

                      

Quarter turn drive किसे कहा जाता है। और जिस बेल्ट ड्राइव में दो शाफ्टो के बीच 90° का एंगल बनता हो उसे Quarter turn drive भी कहा जाता है

Quarter turn drive
Quarter turn drive


4] Stepped cone pulley or Speed cone drive in Hindi

ऐसी मशीन जहां पर लगातार motion को बदलने की जरूरत होती हो, या बार बार speed को change करना पड़ता हो, वाहा stepped cone pulley का इस्तेमाल किया जाता है। Lathe machine और Drilling machine इन दोनों मशीनों में stepped cone pulley का इस्तेमाल किया जाता है। क्यों की इन मशीनों में अलग अलग Mandrill के अंदर machining या drilling करने का काम किया जाता है। जिसमें अलग अलग गति की जरूरत होती है। इसलिए lathe और Drilling machine में stepped cone pulley drive का प्रयोग किया जाता है। 

Stepped cone pulley या Speed cone pulley हमारी single casting में बनी होती है, जिसमें pulley की design एक step के रूप में की जाती है। जैसा कि आप नीचे Figure में देख सकते है।                                            

lathe machine, V-belt, pulleys
V-belt & Stepped cone pulleys

इसमें आप अच्छे से देख सकते है कि एक पुली सबसे छोटी है, उसके बाद उस से बड़ी पुली और उसके बाद उससे भी बड़ी पुली एक लाइन में लगी हुई है।

Stepped cone pulley में हमारी ड्राइविंग शाफ़्ट के उपर जो पुली लगी होती है, वेसी ही पुली हमारी ड्रिवन शाफ़्ट पर भी लगी होती है। लेकिन ये दोनों शाफ़्ट की पुली एक दूसरे से विरूद्ध (opposite) होती है। क्योंकी इसके उपर लगा हुआ बेल्ट जो कि V-belt होता है, वो ऐसा होता है जो तीनों पुली पर चल सके, यानी काम कर सके। और इसी कारण से इन पुलियो का diameter अलग अलग होता है, इन diameter के कारण हमको अलग अलग Speed मिल जाती है। जो आप नीचे Figure में देख सकते है।                


cone pulley, V-belt, different dia pulley , belt drive
Stepped cone pulley drive


5] Fast & Loose Pulley drive क्या होती है।

अगर हमारी मशीन ऐसी है जिसे हमें बार बार चालू या बंद करनी पड़ती हो, तो वाहा Fast & Loose Pulley drive का इस्तेमाल किया जाता है। 

इस ड्राइव में हमारी ड्राइविंग शाफ़्ट लगातार घूमती रेहेती है, लेकिन हमारी ड्रिवन शाफ़्ट में दो पुली जुड़ी (attached) होती है। जिसमें हम एक पुली को Fast pulley और दूसरी पुली को Loose Pulley कहते हैं।

जो हमारी Fast pulley होती है उसे हम driven shaft में key के द्वारा जोड़ देते है। और यही शाफ़्ट हमारी मशीन शाफ़्ट को घुमा सकती है। 

और जो हमारी loose pulley होती है वो भी हमारी driven shaft पे ही लगी होती है लेकिन ये पुली शाफ़्ट पर free होती है। इस पुली को किसी भी तरह की key से जोड़ा नहीं जाता इसको free ही रखा जाता है। और इसके द्वारा किसी भी प्रकार का Power Transmission भी नहीं किया जाता। यानी की जब हमको मशीन चलानी होती है, तब हम बेल्ट को फास्ट पुली पे लगा देते है। और अगर हमको मशीन बंद करना है लेकिन मोटर को चालू ही रखना है तब बेल्ट को Fast Pulley से शिफ्ट करके  loose pulley पर चढ़ाना होता है। इसका मतलब हमें हमारे primary Source को बार बार बंद नहीं करना पड़ेगा।

अगर हमको Machine बंद करनी है तो हम बेल्ट को Fast pulley से Loose Pulley पर शिफ्ट कर देंगे। और अगर हमको Machine चालू करनी है तो बेल्ट को Loose pulley से उतारकर Fast Pulley पर चढ़ा देंगे।

                       

Fast pulley, Loose pulley, belt drive
Fast & loose pulley drive 


6] Jockey Pulley drive क्या होता है।

Jockey pulley drive का उपयोग ज्यादातर Open Belt drive में किया जाता है। जब दो shaft के बीच का Center Distance छोटा होता है तब दो पुली के बीच का Arc of Contact या Angle of Lap कम हो जाता है। और जब Angle of Lap कम हो जाता है तब belt में Tension कम हो जाता है। और इसीलिए टेंशन बढ़ाने के लिए हम jockey pulley या Idler pulley का इस्तेमाल करते है।

jockey pulley, belt, pulley, drive
Jockey pulley drive 

Jockey pulley हमेशा बेल्ट की Slack Side पर लगाई जाती है। यानी की जहां पे बेल्ट का टेंशन कम होता है वाहा पे हमारी Jockey pulley लगाने से पुली का Arc of Contact या Angle of Lap बढ़ जाता है, और इससे बेल्ट का टेंशन भी बढ़ जाता है, और Power का transmission भी बढ़ जाता है 


timing belt, pulley, belt, drive , belt drive
jockey pulley drive system


Belt Drive के फ़ायदे और नुकसान हिन्दी में।

यह भी पढ़े :- Advantages and Disadvantages of Belt drive in Hindi ( बेल्ट ड्राइव के फ़ायदे और नुकशान हिंदी में)

Kalpesh Solanki

नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग को बनाने का मेरा मुख्य हेतु भारत के यानी मेरे देश के लोगो को हिंदी भाषा में जानकारी देना है। में ब्लॉग इसलिए लिखता हूं ताकि में लोगो को सही ओर सटीक जानकारी इंग्लिश की बजाय हिंदी में दे सकु। में किसी भी निश्चित टॉपिक पे अपना ब्लॉग नहीं बनाता। मुझे जो भी अच्छा लगता है में उसी पे ब्लॉग बनाना पसंद करता हूं। ओर कहीं बार में ऐसे भी ब्लॉग लिखना पसंद करता हूं जिसमें मुझे भी थोड़ा बोहोत सीखने को मिले। तो दोस्तो में ये उम्मीद करता हूं कि आपको भी हमारा ब्लॉग पसंद आता होगा।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने