What is Gear in Hindi। Types of gear in Hindi

दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम ये जानेंगे की Gear किसे कहा जाता है। और ये कितने प्रकार के होते है।और मैकेनिकल इंजिनियरिंग (Mechanical Engineering) में इनका इस्तेमाल कहा कहा किया जाता है। तो चलिए जानते है।

Gears in Hindi
गियर 

(Gear या Cogwheel) एक ऐसी Circular Disc है, जिसकी परिधि (Circumference) पे दाते (Teeth) कटे होते है। और इसके Wheel पर Teeth कटे होने के कारण Gear को Toothed Wheel भी कहा जाता है।

गियर का उपयोग एक शाफ़्ट से दूसरी शाफ़्ट में पॉवर (Power) और मोशन (Motion) को ट्रांसमिट करने में किया जाता है। Gear drive में power transmission के दौरान दो gears आपस में फसकर चलते है। gear body आपस में direct contact  में आते है। याहा किसी भी प्रकार का कोई link या Connector का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

जब दो या दो से अधिक गियर आपस में एक दूसरे से जुड़े होते हैं तब इस प्रकार की संरचना (Structure) को गियर ट्रेन (Gear train) कहा जाता है।

गियर ड्राइव में किसी भी प्रकार का कोई Slippage देखने को नहीं मिलता, इसलिए इस drive को Positive Drive भी कहा जाता है। जहा दो गियर आपस में जुड़ते हैं और जिस में जो गियर पॉवर को ट्रांसमिट करता है उसे ड्राइवर गियर (Driver Gear) और जो पॉवर को लेता है उसे ड्रिवन गियर (Driven Gear) कहा जाता है।

और gear drive के अलावा जैसे की Belt drive और Rope drive में belt के स्लिप होने का chance होता है। इसलिए इस ड्राइव को Negative drive के रूप में देखा जाता है।

Gears का ज्यादातर उपयोग Mechanical Devices जैसे कि Clocks, Instrumentation, Automobiles, Motorcycles, में किया जाता है। इसके साथ साथ गियर का प्रयोग Industries में भी काफ़ी किया जाता है।

Power या Torque transmission के लिए किसी भी Vehicle में या Engine में Gears का इस्तेमाल हमेशा होता है। Gear Box Gears Power transmission System का मुख्य हिस्सा माना जाता क्यों की gear box  हर वाहन का Important Part होता है। उसमे भी Gears के द्वारा हमारे वाहन (Vehicle) मे Engine की power पहिये (Wheel) तक पहुँचती है।

Gears में भी बोहोत से अलग अलग प्रकार के gears होते है। और इन सभी gears का अपना एक अलग अलग कार्य होता है। तो चलिए जानते है की Gears कितने प्रकार के होते है।

गियर कितने प्रकार के होते है | Types Of Gear hindi

  • Spur Gear 
  • Helical Gear
  • Bevel Gear
  • Worm & Worm wheel Gear
  • Rack and Pinion
  • Spiral gear
  • Hypoid gear
  • Miter gear
  • Internal gear
  • External gear

Spur Gear । स्पर गियर

Spur gear उसे कहा जाता है जिसमें gears के कटे हुए Teeth और Shaft की Axis दोनों एक दूसरे के Parallel होती है। स्पर गियर की मैन्युफैक्चरिंग आसान (Easy) होती है। और इसलिए Industries में सबसे ज्यादा इसी gear का इस्तेमाल किया जाता है। 

स्पर गियर का प्रयोग जहा कम Speed और कम Power Transmission की Requirements होती है वहा इसका इस्तेमाल किया जाता है। और अगर हमें ज्यादा पॉवर और स्पीड की रिक्वायरमेंट होती है तब हम दूसरे प्रकार के gears का प्रयोग करते है। Spur gears का प्रयोग ज्यादातर गन्ने की मशीनों में भी किया जाता है।


Helical Gear। हेलिकल गियर

Helical gear हम उसे कहते हैं जिसमें gear के Teeths, Axis के parallel होने की बजाय किसी Angle पर होते है।

Helical gears की Design में gears के teeth एक (edge angle) पे कटे होते है। और इनकी यह design ऐसी इसलिए रखी जाती है क्योंकि इससे Spur gear की तुलना में ज्यादा पावर का ट्रांसमिशन हो सके।

हेलीकल गियर की इस डिजाइन से एक और फायदा यह भी होता है कि ऑपरेशन (Operation) के दौरान gears बहुत कम आवाज करते हैं। और ऐसा इसलिए पॉसिबल होता है क्योंकि गियर के teeth एक दूसरे के पूरी तरह से Contact में नहीं आते उनका Surface of contact area स्पर गियर की
तुलना में काफी कम होता है इसलिए ये gears आवाज नहीं करते।

Spur gear की तुलना में Helical gear हाई स्पीड (High Speed) में चल कर ज्यादा Torque और Power दोनों को एक साथ, एक shaft से दूसरी shaft में Power transmit करने की शक्ति रखता है। 
हेलीकल गियर की Efficiency, Spur Gear की तुलना में बहुत ज्यादा होती है।

Helical gear कुल 2 प्रकार के होते हैं।

  • Right hand Helical gear
  • Left hand Helical gear

हेलीकल गियर का ज्यादातर प्रयोग हाई स्पीड applications जैसे कि Steam और Gas Turbines में किया जाता है।

Industrial Gear Box में भी इस गियर का प्रयोग बोहोत होता है। इसके अलावा इसका प्रयोग Automobiles, Machine tools और Gear Box में भी किया जाता है।

Double Helical gear। डबल हेलीकल गियर।

जिस गियर में दोनों तरफ Teeth edge बनी होती है उन्हें डबल हेलीकल गियर कहा जाता है। Axial thrust Load को कम करने के लिए Double Helical gears का इस्तेमाल किया जाता है, और इस गियर को Herringbone gear भी कहा जाता है।

Double Helical gears का प्रयोग Heavy Machinery में भी होता है। जैसे कि Cranes, Fluid Pumps और Military Ships मैं इनका प्रयोग सबसे ज्यादा होता है। 


Worm & Worm gear। वोम एंड वॉम् गियर

इस गियर में एक Screw लगा होता है। उसे Worm कहते हैं। और दूसरा एक बड़ा गियर लगा होता है जैसे कि Spur gear और Helical gear। 

Worm & Worm gear का प्रयोग कम गति (speed) पर पावर ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है। Worm & Worm wheel का Spiral angle बहुत कम होता है। इस gear का इस्तेमाल ज्यादा स्पीड को कम करने के लिए और Speed Reduction Ratio को कम करने के लिए किया जाता है।


Bevel gear । बेवल गियर

बेवल गियर उसे कहा जाता है जिसमें दोनों शाफ़्ट की Axes एक दूसरे के intersecting होती है। और इस गियर का प्रयोग 90 डिग्री पर पॉवर ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है।

इसका सबसे अच्छा Example है Hand drilling Machine का है। हैंड ड्रिल मशीन में एक इलेक्ट्रिक मोटर लगी होती है जो Pure Rolling motion पैदा करता है। और फिर 90 डिग्री पर पावर को ट्रांसमिट करता है।

Bevel Gear कुल तीन प्रकार के होते हैं
  • Zero Bevel Gear 
  • Helical Bevel Gear
  • Straight Bevel Gear


Spiral Gear । स्पाइरल गियर

स्पाइरल गियर उसे कहा जाता है जिसमें दो axes नाही एक दूसरे के Intersecting होती है और ना ही एक दूसरे के Parallel होती है। और इस वजह से दो Rotating Gears के बीच हमें Pure Rolling Motion देखने को नहीं मिलती।

Spiral Gear का उपयोग Grass Cutting machine, Juicer और Guitar की String में किया जाता है। स्पाइरल गियर का प्रयोग High Speed Reduction के लिए भी किया जाता है। इस गियर का प्रयोग Automotive Drive जैसे कि Differential Gear में किया जाता है। 

Skew bevel gear भी Spiral Gear का उदाहरण है। Skew bevel gear का प्रयोग
बहुत कम किया जाता है क्योंकि इसकी मैन्युफैक्चरिंग जटिल होती है।


Rack & Pinion। रैक एंड पिनियन

इस गियर का प्रयोग Rotational motion का Linear motion में convert करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें जो सर्कुलर गियर (Circular gear) होता है उसे Pinion कहा जाता है। और जो सीधा रोड होता है उसे Rack कहा जाता है। Rack & Pinion का ज्यादातर इस्तेमाल Car,Truck के Steering में किया जाता है।


गियरिंग के आधार पर गियर्स के गियर दो प्रकार के होते हैं।

1) एक्सटर्नल गियरिंग (External Gear)
2) इंटरनल गियरिंग (Internal Gear)

External Gear in hindi 

जिस गियर में 2 गियर लगे होते हैं और उन पर दांते बाहर की Surface पर बने होते हैं, उसे एक्सटर्नल गियर कहा जाता है। और ये दोनों Gears एक दूसरे के विरुद्ध दिशा में घूमते हैं।और इसमें जो बड़ा वाला gear होता है उसे Wheel कहते हैं। और जो छोटा वाला gear होता है उसे Pinion कहते है।

Internal Gear in hindi 

Inteernal gear उसे कहा जाता है जिसमें 2 गियर होते हैं जिस पर Teeth गियर अंदर की Surface पर बने होते हैं इसलिए इसे Internal Gear कहा जाता है। और ये दोनों गियर एक दूसरे की विरुद्ध दिशा में घूमते हैं।  और इसमें बड़े वाले गियर को Annular और Ring कहा जाता हैं। और छोटे वाले gear को Pinion।

Compound Gear in hindi 

Compound Gear उसे कहा जाता है जिसमें एक साथ 1 से ज्यादा gears की arrangement की हुई होती है। और उन सभी Gears की स्पीड एक समान होती है। और इस System को Compound गियर कहा जाता है।

Kalpesh Solanki

नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग को बनाने का मेरा मुख्य हेतु भारत के यानी मेरे देश के लोगो को हिंदी भाषा में जानकारी देना है। में ब्लॉग इसलिए लिखता हूं ताकि में लोगो को सही ओर सटीक जानकारी इंग्लिश की बजाय हिंदी में दे सकु। में किसी भी निश्चित टॉपिक पे अपना ब्लॉग नहीं बनाता। मुझे जो भी अच्छा लगता है में उसी पे ब्लॉग बनाना पसंद करता हूं। ओर कहीं बार में ऐसे भी ब्लॉग लिखना पसंद करता हूं जिसमें मुझे भी थोड़ा बोहोत सीखने को मिले। तो दोस्तो में ये उम्मीद करता हूं कि आपको भी हमारा ब्लॉग पसंद आता होगा।

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