इटली ने ढूंढ निकाली कोरोना वायरस की दवा।
कोरोना वायरस की महामारी के महा संकट के बिच इटली ने ये दावा किया हे की उसने कोरोना वायरस की वैक्सीन खोज निकाली हे। अगर ये दावा सच हे तो मानव समुदाय के लिए ये बेहद ही ख़ुशी की बात होगी। आज के हालात ऐसे हो गये हे की इंसान सामान्य जीवन छोड़ घरो में रहने के लिए मजबूर हो चूका हे। ऐसे में इटली के वैज्ञानिको ने दुनिया को एक आशा की किरण दिखाई हे जिसमे वो कोरोना वायरस की वैक्सीन ढूंढ निकाल ने का दावा कर रही हे।
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कोरोना-वायरस-वैक्सीन |
इटली के ANSA की एक रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा हे की इटली के मेडिकल फर्म टेकिस के वैज्ञानिको के एक दल ने कोरोना वायरस की दवाई ढूंढ निकाली हे। और साथ ही ये भी दावा किया जा रहा हे की ये दवाई उन्होंने चूहे पर परीक्षण करके बनाई हे। वैज्ञानिको ने जब चूहे पर पहला टीकाकरण किया तब उन्हें बेहद चौकाने वाले परिणाम मिले। चूहे ने एक ही टीकाकरण के बाद ऐसे एंटीबॉडी विकसित किये जो कोरोना वायरस को मानव कोशिकाओं पर संक्रमित करने से रोक सके,और कोरोना का खात्मा कर सके।
इटली के वैज्ञानिको का चूहे पर किया गया ये प्रयोग रोम के इन्फेक्शस डीसीसी सपल्लनजानी हॉस्पिटल में किया गया जो अब इंसानो को बेहद ही आसानी से ठीक कर सके ऐसी उम्मीद अब पूरी दुनिया को हे ।
इटली के शोधकर्ताओ ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया की ये वैक्सीन विशेष रूप से फेफड़ो की कोशिका में स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ कार्यात्मक एंटीबॉडीज उत्पन करने के लिए सक्ष्म हे, जो कोरोना को बेहद ही आसानी से मात दे सकता हे।
अबतक दुनिया के कही बड़े देशो ने कोरोना वायरस की दवा बनाने का दावा कर चुके हे लेकिन इटली के वैज्ञानिको के चूहे पर किये गए सफल परीक्षण के बाद जो वैक्सीन की प्राप्ति हुई हे वो वाकई में बाकी देशो की बनाई टिका से ज्यादा कारगर साबित हो सकती हे। और पूरी दुनिया भी यही चाहती हे की जल्द से जल्द वे इस कोरोना जैसी महामारी से मुक्त हो जाये।
अरब देश की एक रिपोर्ट में ये कहा गया हे की इटली दुनिया का केवल एक मात्र देश बन चूका हे जिसने कोरोना जैसी खतरनाक वायरस (Covid-19 )की वैक्सीन ढूंढ निकाली हे। इटली के चूहे पर किये गए परीक्षण के बाद ये भी कहा जा रहा हे की बोहोत ही जल्द इस वैक्सीन का ट्रायल इंसानो पे भी किया जायेगा। ये ट्रायल गर्मी के ख़त्म होने के तुरंत बाद किया जा सकता हे।
इजरायल ने भी किया कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा।
इटली के बाद अब इजरायल के रक्षामंत्री नफ्ताली बेनेट ने भी ये दावा करते हुए कहा है की उनके देश के मुख्य जैविक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिको ने कोरोना वायरस की वैक्सीन ढूंढ निकाली हे, जो एंटीबॉडी विकसित करने में बेहद ही ख़ास भूमिका प्रदान करती हे।
नफ्ताली बेनेट ने कहा की हमारे डॉक्टरों और शोधकर्ताओ की टीम ने कोरोना जैसी महामारी को ख़त्म करने के लिए टीका बना ली हे। और साथ ही उन्होंने ये भी कहा की अब इस वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर आने वाले दिनों में किया जायेगा।
सोमवार को नफ्ताली बेनेट ने नेस जियोंना में , इजरायल के इंस्टीटुड ऑफ़ बायोलॉजिकल रिसर्च (IIBR) की लैब का दौरा किया और कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का आदेश दिया ।
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में अबतक 265,000 से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी हे और 38,22,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हे। कोरोना का सबसे ज्यादा असर अमेरिका जैसी महासत्ता पे देखने को मिल रहा है, जहा 75,000 से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी हे और 12,63,224 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हे। ऐसे वक्त में कोरोना वायरस की दवाई ढूंढ़ना बेहद जरुरी हो चूका हे। और दुनिया के बड़े से बड़े देश के वैज्ञानिक वैक्सीन ढूंढ ने में दिन रात एक कर रहे हे।
कितनी कारगर हुई हाईड्रोक्सीक्लोरोक़्वीन दवाई।
मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली हाईड्रोक्सीक्लोरोक़्वीन अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने में बेहद ही कारगर साबित हो रही हे। सूत्रों के मुताबित ये कहा जा रहा हे की हाईड्रोक्सीक्लोरोक़्वीन और एजिथ्रोमाइसीन का कॉम्बिनेशन से कोरोना जैसे वायरस को कुछ हद तक रोका जा सकता हे। इस वजह से कुछ महीनो पहले अमेरिका सहित कही बड़े देशो ने हाईड्रोक्सीक्लोरोक़्वीन दवाई की मांग भारत से की थी।
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Hydroxychloroquine |
और भारत ने निस्वार्थ भाव से ना केवल अमेरिका को बल्कि बाकी और देशो को भी ये दवाई मोहिया कराइ। लेकिन हाईड्रोक्सीक्लोरोक़्वीन पूरी तरह से कोरोना का खात्मा नहीं कर पा रही और इस वजह से ये बेहद जरुरी हो जाता हे की इस वायरस की दवाई जल्द से जल्द ढुंडी जाए और कोरोना का खात्मा किया जाये।
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