Pulley किसे कहा जाता है। उनके Parts। पुली के Types हिंदी में।

What is pulley in Hindi। पुली क्या है।

Pulley एक गोलाकार Disc होती है। और जिसकी मदद से एक shaft से दूसरी shaft तक पॉवर का ट्रांसमिशन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यानी कि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पॉवर का ट्रांसमिशन करने के लिए जिस माध्यम का इस्तेमाल किया जाता है उसे हम Pulley कहते है। 

पुली एक ऐसा मैकेनिकल कॉम्पोनेंट  (Mechanical components) है जो power के ट्रांसमिशन के लिए उपयोग किया जाता है। पुली का मुख्य कार्य belt और rope की movement को आधार देना और उसकी दिशा को बदलना है।

Pulley kise kaha jata he
Belt & Pulley


Parts of Pulley in Hindi। पुली के पार्ट्स हिंदी में।

पुली के निर्माण करने के लिए कुल 4 प्रकार के पार्ट्स का प्रयोग किया जाता है

1] Rim & Face

Pulley के सबसे ऊपरी वाले भाग को Rim या Face कहा जाता है। जिसमें Face जो होती है वह थोड़ी उभरी हुई होती है और उनकी Edges यानी Sides थोड़ी Tapper रखी जाती है। हालांकि ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि जब बेल्ट Pulley की Surface पर होकर चलता है तब बेल्ट के Slip होने का खतरा कम हो जाता है।

2] Hub & Bush

Hub & Bush का मुख्य कार्य पुली को मजबूती देना होता है। और यह Bore के ऊपरी वाले हिस्से पर बना होता है। और इसकी बनावट Casting  के द्वारा की जाती है।

3] Arm & Spokes

Arm & Spokes का प्रयोग Pulley के Rim और Hub को जोड़ने का काम करता है।

4] Bore

Bore जिसे Hub के अंदर वाले भाग में बनाया जाता है। और इसका Diameter Shaft के Diameter के अनुसार बनाया जाता है। और में एक Key Way भी होता है, जो पुली और Shaft को Fix करने के लिए होती है।


Types of pulley in hindi 

पुली को सामान्य तौर पर 8 प्रकार में विभाजित किया गया है।

1. Solid cast Iron pulley
2. Split pulley
3. Stepped or Speed cone pulley
4. V-grooved / V-belt pulley
5. Half round pulley
6. Chain pulley
7. Loose & fast pulley
8. Jockey pulley
        


1. Solid cast iron pulley:-

इस पुली का सबसे ज्यादा इस्तेमाल वर्कशॉप में किया जाता है। इसका प्रयोग एक Shaft से दूसरी shaft में पॉवर का ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है। और इस पुली को Key way की मदद से Shaft के साथ जोड़ा जाता है।

जब Load ज्यादा हो तब इस प्रकार की पुली का इस्तेमाल होता है। लेकिन जब जरूरत 300mm से ज्यादा के Diameter की होती है वहां इस पुली का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जिसको हम पुली की Standard size भी कहते हैं। यह पुली ज्यादातर Shaft के अंतिम सिरे पर लगाई जाती है।    


2. Split pulley:-

जब shaft की लंबाई काफी ज्यादा हो और काफी सारे units एक ही shaft पर काम कर रहे होते है तब अगर किसी एक पुली को बदलना हो तब यह पुली काफी कारगर साबित होती है। जहां जगह की कमी हो वहां इस प्रकार की पुली का इसका इस्तेमाल होता है।
 

3. Stepped or speed cone pulley:- 

इस प्रकार की पुली Cast Iron की बनी होती है। इस पुली के बीच में Thread hole कटे होते हैं, जो पुली को shaft के ऊपर screw पैच की मदद से Fit या Tight किया जाता है।
इस पुली में अलग-अलग Diameter के steps बने होते हैं। और यह steps मशीन की Speed को कम या ज्यादा करने के लिए बनाए जाते हैं। और stepped pulley जोड़ी में पाए जाते है।
   

4. V- grooved/ V-belt pulley:- 

इस प्रकार की pulley में 40 डिग्री के Angle पर Grooved कटे होते हैं। और इस पुली को चलाने के लिए v-belt का प्रयोग किया जाता है।

इस पुली का उपयोग छोटे Engine या Generator जैसी हल्की मशीन में होता है। जहां पर पुली का Distance 4 मीटर से भी कम होता हो।

यह एक शक्तिशाली ड्राइव मानी जाती है क्योंकि इसमें slip और creep होने के चांस ना के बराबर होते है। इसकी Life भी बाकी पुलियो कि तुलना में अधिक होती है।


5. Half round pulley:- 

इस पुली में अर्धचंद्राकार Groove कटे होते हैं। इसका इस्तेमाल Rope drive में और Cable में किया जाता है। जैसे कि क्रेन, कुआं या झूला।

6. Chain pulley:- 

इस प्रकार की पुली में Gear के Teeth के जैसे आकार के Groove कटे होते हैं।  Chain Drive में इस प्रकार की Pulley का इस्तेमाल किया जाता है।

7. Loose & fast pulley:- 

इस प्रकार की पुली का इस्तेमाल Group या Compound Drive में किया जाता है। इसमें एक पुली Loose और दूसरी पुली Fast रहती है। फास्ट पुली Shaft के साथ Lock रहती है। इस प्रकार की पुली का इस्तेमाल वहां किया जाता है जहां मशीन को बार-बर बंद या चालू करने की जरूरत पड़ती है

इसमें जब मशीन को Operate करना होता है, तब हम बेल्ट को Fast pulley पर चढ़ा देते हैं। और जब हमको मशीन Operate नहीं करनी होती तब हम बेल्ट को Loose Pulley पर चढ़ा देते हैं।

और pulley को shaft के साथ connect करने के लिए पुली में एक Key way बना होता है जो कि सिर्फ Fast pulley में ही बना होता है और loose pulley में Bearing लगी होती है।


8. Jockey pulley:- 

जब दो पुली के बीच में Centre Distance ज्यादा हो तब बेल्ट और पुली का Surface Contact कम हो जाता है।  दोनों पुली का बेल्ट के साथ Surface Contact बढ़ाने के लिए इस प्रकार की पुली का उपयोग किया जाता है।

पुली में जितना Surafce Contact ज्यादा होता है उतना ही बेल्ट के स्लिप होने का खतरा कम रहेता है और effective तरीके से पॉवर का ट्रांसमिशन किया जा सकता है। Jockey Pulley को हमेशा slack side की ओर एक्स्ट्रा पुली के तौर पर लगाई जाती है जब-जब Contact 6:1 Ratio से ज्यादा हो जाता है तब इस पुली का इस्तेमाल किया जाता है।


9. Rope Pulley

इस प्रकार की pulley में V-shape में Grooved कटे होते हैं। लेकिन इसमें v-belt की बजाय Rope का इस्तेमाल होता है। और इस प्रकार की पुली का प्रयोग Rope way में किया जाता है। जहां एक Shaft की दूरी दूसरी Shaft की तुलना में काफी ज्यादा दूर होती है यानी कि जब लंबे अंतराल या दूरी पर Power का transmission करना हो तब इस प्रकार की पुली को काम में लिया जाता है।


Kalpesh Solanki

नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग को बनाने का मेरा मुख्य हेतु भारत के यानी मेरे देश के लोगो को हिंदी भाषा में जानकारी देना है। में ब्लॉग इसलिए लिखता हूं ताकि में लोगो को सही ओर सटीक जानकारी इंग्लिश की बजाय हिंदी में दे सकु। में किसी भी निश्चित टॉपिक पे अपना ब्लॉग नहीं बनाता। मुझे जो भी अच्छा लगता है में उसी पे ब्लॉग बनाना पसंद करता हूं। ओर कहीं बार में ऐसे भी ब्लॉग लिखना पसंद करता हूं जिसमें मुझे भी थोड़ा बोहोत सीखने को मिले। तो दोस्तो में ये उम्मीद करता हूं कि आपको भी हमारा ब्लॉग पसंद आता होगा।

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