What is Iron in Hindi लोहा किसे कहा जाता है ।

लोहा क्या है ?

लोहा धरती का आम तत्व है, जिसे हम आयरन(Iron) के नाम से भी जानते हैं। लोहे का symbol (Fe) होता है, और उसकी परमाणु संख्या 26 है। लोहा पृथ्वी के अंदरूनी और आंतरिक कोण का एक बड़ा हिस्सा माना जाता है।

अपने अर्थ यानी पृथ्वी पर चौथा ऐसे सबसे बड़ा हिस्सा है जिसमें लोहा(Iron) पाया जाता है। Iron हमें खदान (Quarries) और खानों (Mines) में आसानी से मिल जाता है। लोहा एक ब्रिटल (Brittle) और सख़्त पदार्थ(Hard substance) माना जाता है।

जब आयरन यानी लोहा ऑक्सीजन (Oxygen) के संपर्क में आता है तब उस आयन का ऑक्सीडेशन हो जाता है। यानी कि लोहे पर जंक लग जाता है या rusted हो जाता है। इस वजह से हमें लोहा कभी भी शुद्ध रूप में देखने को नहीं मिलता है।

आयरन ऑक्साइड (Iron Oxides जैसे कि लिमो नाइट(Limonite) पाइराइट(Pyrite) हेमेटाइट(Hematite) और मैग्नेटाइट(Magnetite) और 90% सभी धातु जिसे अभी के दिनों में रिफाइन किया जा रहा है वो सभी लोहा हमें उसकी महत्वत्ता (Importance) बताता है।


लोहे का इतिहास क्या है । What is history of Iron in Hindi।

दोस्तों आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि लोहे का प्रयोग करीब 5000 सालों से चलता आ रहा है।

1500 BC पूर्व के आसपास लोहे को उसके अश्कों से गलाना था जिसने एक मजबूत धातु का निर्माण किया। और ऐसे लोहे(Iron) युग की शुरुआत हुई।

सन 1722 में Rene Antoine Ferchault the Reaumar ने विभिन्न प्रकार के लोहे के बारे में एक किताब लिखी जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे स्टील(Steel) कास्ट आयरन(Cast Iron) और ब्रॉड आयरन (Wrought Iron) को उनमें मौजूद कार्बन (C) की मात्रा से अलग किया जा सकता है। और उसके बाद ही आयरन, मशीनरी इमारतों और उपकरणों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हुआ।


What are the properties of iron in hindi। आयरन के गुण क्या है।

लोहे में ऐसे कई सारे गुण है, जिसे बड़े-बड़े औद्योगिक क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है। लोहे के अलग-अलग गुण इसे और भी मजबूत और कठोर बना देता है। ऐसे लोहे के गुण नीचे दिए गए हैं।


फेरोमैग्नेटिक एबिलिटी (Feromagnetic Ability)

Iron को चुंबक बनाया जा सकता है। या फिर चुंबक की और उसे आकर्षित किया जा सकता है। और इसके इस गुण से हम Ferrous और Non-Ferrous लोहे को अलग कर सकते हैं।

नरमता (Softness)

वैसे मे देखा जाए तो लोहे का नाम सुनते ही हमें पता लग जाता है कि वो बोहोत सख़्त होता है। लेकिन असल में लोहा यानी कि आयरन नरम (soft) होता है। लेकिन जब उसको अन्य घटकों के साथ मिला दिया जाता है तब वह मजबूत और सख्त हो जाता है। और जिसका प्रयोग बड़ी बड़ी कंपनी में और इंडस्ट्रीज में और बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन क्षेत्रों में किया जाता है।

कम कीमत (Low Cost) 

लोहे यानी आयरन की कीमत बाकी घटकों की तुलना में कम है। क्योंकि आयरन हमें ज्यादा मात्रा में आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इसी कारण की वजह से दुनिया भर की इंडस्ट्रीज में इसका प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता है।

मेलाएबिलिटी (Malleability)

लोहे को दबाव में भी डिफॉर्म यानी वितरित किया जा सकता है। जैसे कि हम उसे हथौड़ी से मारकर उसको मनचाहे आकार में परिवर्तन कर सकते हैं।


घुलनशील ( Dissolvable)

लोहा Dilute Acid मे आसानी से घुल जाता है।


चालकता ( Conductivity)

 (Electricity) बिजली और (Heat) गर्मी का सुवाहक होता है।


मिश्र लोहा (Iron Alloys)

लोहा हमारे रोज के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक पदार्थ है। और लोहा कही सारी मिश्र धातुओं का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। नीचे बहुत से ऐसे मिश्र धातु है जिनमें लोहा यानी कि Iron का समावेश करके उसे बनाया गया है।

स्टील (Steel)

Steel उसे कहा जाता है जिसमें आयरन (Fe) और कार्बन(C) का मिश्रण किया होता है। स्टील का प्रयोग ज्यादातर Construction, Weapons या ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) के सामग्री बनाने में किया जाता है।

स्टेनलेस स्टील ( Stainless Steel)

जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा की स्टील की बनावट में आयरन और कार्बन को मिलाकर मिश्रण करके बनाया जाता है। उसी प्रकार से Iron + Carbon + Chromium का मिश्रण करके Stainless Steel का उत्पादन किया जाता है।

Stainless Steel मे कम से कम 10.5% क्रोमियम का समावेश  करके उसको बनाया जाता है । स्टेनलेस स्टील को High Corrosion Resistance यानी की जंक प्रतिरोधक के रूप में भी जाना जाता है।

इसी वजह से stainless-steel का प्रयोग वातावरण में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

कार्बन स्टील (Carbon Steel) 

कार्बन स्टील नाही बहुत Brittle है, और नाही बहुत Ductile है। ये स्टील Malleable होती है जिसकी Tensile Strength बहुत कम होती है।

कास्ट आयन (Cast Iron) 

इसे हम (Pig Iron) कच्चे लोहे से निकाला जाता है। और इसमें कार्बन का 3% से लेकर 5% जितना और सिलिकॉन ( Silicon) का मिश्रण करके बनाया जाता है। कास्ट आयरन (Cast Iron) वजन में हल्का और मजबूत होता है। और High Wear Resistance भी होता है।

आयरन (Iron) + निकल(Nickel)

इन दोनों घटको का मिश्रण करके अच्छी ऐसी Heat और Acid Resistance metal का निर्माण कर सकते है।

आयरन(Iron) + Manganese 

यह मिश्र धातु Durable यानी की टिकाऊ होती है।

आयरन (Iron) + टंगस्टन (Tungsten) 

लोहे में टंगस्टन का मिश्रण करने से यह High Temperature पर Hardness यानी की कठोरता बनाए रखने में सक्षम होता है।


रोज के जीवन में लोहे यानी कि आयरन (Fe) का प्रयोग किस लिए किया जाता है।

पहले के जमाने में लोहे का प्रयोग औजार और हथियार बनाने में किया जाता था। आज के युग में इसका प्रयोग स्टील के उत्पादन में किया जाता है।

और फिर उसका प्रयोग कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग और सिविल इंजीनियरिंग में भी देखने को मिलता है।

लोहे से बनी स्टेनलेस स्टील, जो कि जंक रोधक (Corrosion Resistance) है, उसका प्रयोग घर के बर्तन बनाने में और कई सारी सामग्री बनाने में किया जाता है।

Stainless steel का प्रयोग अस्पताल के उपकरणों बनाने में भी किया जाता है। इसके अलावा लोहे का प्रयोग मशीनरी उपकरण, इमारतों में और पुल (Bridge) की बनावट में भी किया जाता है।


रीसाइक्लिंग आयरन ( Recycling Iron)

किसी भी Metal  का Recycling करना वह पर्यावरण के लिए और मनुष्य की सुरक्षा के लिए काफी लाभदायक होता है।

क्या हम लोह (Iron) को रीसाइक्लिंग कर सकते हैं ??? तो उसका जवाब है हां, लोहे का रीसाइक्लिंग करके हम बहुत सी ऐसी चीजों को बदल सकते हैं जो अंत में पर्यावरण के लिए काफी लाभदायक होता है।

लोहे का रीसाइक्लिंग करके पर्यावरण को बचाया जा सकता है। क्योंकि लोहे के रीसाइकलिंग से Natural Resources का प्रयोग कम हो जाता है। इससे Carbon emission भी कम होता है। और इससे नए बनने वाले लोहे की तुलना में कम Energy खर्च होती है। अगर हम आयरन को रीसाइक्लिंग करते हैं तो, हर 1ton Steel के उत्पादन में हम 1.5 ton आयरन की बचत कर सकते हैं। 

लोहे की रीसाइक्लिंग करने से हम पानी को 76% जितना बर्बाद होने से बचा सकते है।

इसलिए Scrap Metal को रीसाइक्लिंग करके हम ना ही केवल Air Pollution कम कर सकते हैं, बल्कि Water Pollution और Mining Waste भी इससे कम होता है। और इस सबसे अंत में पर्यावरण स्वस्थ रहता है।


Kalpesh Solanki

नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग को बनाने का मेरा मुख्य हेतु भारत के यानी मेरे देश के लोगो को हिंदी भाषा में जानकारी देना है। में ब्लॉग इसलिए लिखता हूं ताकि में लोगो को सही ओर सटीक जानकारी इंग्लिश की बजाय हिंदी में दे सकु। में किसी भी निश्चित टॉपिक पे अपना ब्लॉग नहीं बनाता। मुझे जो भी अच्छा लगता है में उसी पे ब्लॉग बनाना पसंद करता हूं। ओर कहीं बार में ऐसे भी ब्लॉग लिखना पसंद करता हूं जिसमें मुझे भी थोड़ा बोहोत सीखने को मिले। तो दोस्तो में ये उम्मीद करता हूं कि आपको भी हमारा ब्लॉग पसंद आता होगा।

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