Carburetor किसे कहा जाता है। उनके प्रकार। पार्ट्स। वर्किंग हिंदी में।

काबुरेटर automobile का एक बेहद ही उपयोगी और मुख्य भाग माना जाता है। इसका प्रयोग पेट्रोल गाड़ियों (Car,truck) में किया जाता है। Petrol गाड़ियों में fuel का मिश्रण engine cylinder में नहीं होता बल्कि cylinder के बाहरी हिस्से में होता है, इसी कारण से petrol गाड़ियों में carburetor का इस्तेमाल किया जाता है।

Parts & Functions of Carbureto (कार्बोरेटर के पार्ट्स & फंक्शन)

  • Inlet tube
  • Needle Valve
  • Nozzle or Main Jet
  • Float Chember
  • Buoy
  • Economizer Jet
  • Idle jet
  • Venturi
  • Slow Jet
  • Air vent

Inlet Tube

इस tube से fuel लाइनों से होते हुए Float Chember में गैसोलीन को भेजी जाती है। इस tube की मदद से, टैंक के अंदर वाले गैसोलीन को कार्बोरेटर क्षेत्र में भेजा जाता है।

Needle Valve

Needle valve फ्लोट चैम्बर के अंदर होता है। ये triangle shape का होता है। जब इस valve को ऊपर की ओर भेजा या धकेला जाता है, तब ये गैसोलीन लाइन को बंद कर देता है

जिससे इनलेट नली से गैस flow नही होती। क्योंकि चैनल खुली होने के कारण जब सुई वापस आती हे तो पेट्रोल फिर से बहने लगता है।

नोजल ( Nozzle or Main Jet )

इसे Main Jet भी कहा जाता है। जो venturi के साथ फ्लोट चैंबर को जोड़ने का काम करता है। जिससे गैसोलीन Nozzle के माध्यम से सही अनुपात में बहार की ओर flow होता है। 

तरण कक्ष ( Float Chamber )

फ्लोट चैंबर Fuel line से गैसोलीन को atmospheric pressure के बराबर रखता है।

बॉय ( Buoy )

Buoy एक Plastic का बना होता है। जो एक Liquide पर तैरता रेहेता है। Buoy फ्लोट चैम्बर में गैसोलीन की मात्रा के हिसाब से फ्लोट सुई की स्थिति (Location) को Control करने का काम करता है। 

एकनॉमीज़ेर जेट ( Economizer Jet )

ये गैसोलीन को और बेहतर मिश्रित हवा बनाने में मदद करता है। जो Negative चैनल के बीच में स्थित रहता है। 

आइडल जेट ( Idle Jet ) 

इसका मुख्य कार्य Air filter से हवा को Flow करना होता है। जो direct इनटेक मैनिफोल्ड में जाता है। 

वेंचुरी ( Venturi )

ये इंटेक में वेंचुरी Throatal valve से पहले होता है, जिससे valve के कोण piston suction द्वारा गैसोलीन को नहीं खींचता। 

स्लो जेट ( Slow Jet )

Slow jet एक गैसोलीन Output है। जो Float chamber को इनटेक मैनिफोल्ड से जोड़ता है। इसका मुख्य कार्य जब इंजन निष्क्रिय गति में होता है तब पेट्रोल भेजने का काम करता है।

एयर वेंट ( Air Vent )

ये फ्लोट चैंबर को बाहर से connect करने का काम करता  है। इसका काम बाहरी हवा के दबाव के अनुसार स्थिर का और फ्लोट स्पेस के अंदर दबाव बनाए रखने का है।


Carburetor की वर्किंग प्रक्रिया 

Initially, strainer की help से float chamber में fuel  ( इंधन) भेजा जाता है। Strainer एक filter करने का काम करता है जिससे कोई भी कचरा (Dust) fuel के साथ साथ आगे ना जा सके। Strainer कचरे को आगे बढ़ने से रोकने का कार्य करता है। 


Float का मुख्य कार्य Float chamber में fuel की मात्रा को Maintain करना है, यानी कि जैसे ही fuel की मात्रा कम हो जाती है तब Float खुल जाते है। और तब (Fuel) ईंधन का flow आगे बढ़ता है और वो उसकी जगह पर पोहोच जाता है जहा उसे पोहोचना होता है। उसके बाद Fuel Supply रुक जाती है। और इसके बाद Float भी बंद हो जाता है।

Fuel discharge nozzle की प्रक्रिया में float chamber और venturi tube आपस में एकदुसरे के साथ joint होती है । Fuel सप्लाई nozzle का एक भाग Float chamber के निचले (bottom) वाले हिस्से से जुड़ा होता है। और दूसरा हिस्सा venturi के उपर वाले हिस्से से थोड़ा ऊपर ताकि अगर कभी भी overflow वाली परिस्थिति आए तो level में बदलाव होने की बजाय उसका level Maintain रहे।

Suction stroke के दरमियान venturi tube की help से हवा को अंदर लाया जाता हे। और Venturi tube के area में लगातार कटौती देखने को मिलती है। जिसके कारण Pressure कम होता है और Velocity कम में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। और इसके साथ साथ Venturi के throat पर area कम हो जाता है।

जब Fuel सप्लाई nozzle, venturi के throat हिस्से से जुड़ा होता है, high velocity होने के कारण से throat area पे pressure कम हो जाता है और float chamber का pressure बढ़ जाता है। और इसी pressure difference को carburetion depression कहा जाता है।

यही carburation depression एक force की तरह काम करता है, जो की fuel supply tube की मदद से fuel को float chamber से venturi tube तक पहुँचता है। और इससे हवा और fuel का आपस में मिश्रण होता है। Fuel-air के मिश्रण का ratio (अनुपात) metering system और discharge jet के Size पे निर्भर करता है। Throttle valve की मदद से यह mixture cylinder में पहुँचता है। Spark Ignition इंजन में quantity का main role है और यही मात्रा throttle valve से control होती है और उसी तरह power भी मिलती है।

Carburetor के प्रकार  | Types of Carburetor in Hindi

हवा के बहाव  के आधार पर Carburetor को मुख्य 5 प्रकार के होते हैं।

1. Up draught

इसमें हवा निचले हिस्से से अंदर आती है और उपर वाले हिस्से से बाहर निकल जाती है। और इसका मुख्य disadvantage यह है की air friction के कारण यह Mixture को अपने साथ बहा लेती है। इसलिए इसका Design छोटे mixing tube और throat area वाले carburetor के लिए किया जाता है। ताकि Engine की कम Speed होने पर भी fuel के mixture को चलन के लिए पर्याप्त velocity (तीव्रता) मिल सके। अन्यथा fuel के particle (कण) हवा के साथ mix नहीं होते। और engine को lean Mixture मिलता है।

2. Down draught

Up draught carburetor की समस्या का निवारण कमर  के लिए down draught का प्रयोग किया जाता है। इसमें Air और mixture का बहाव downward Direction (दिशा) में किया जाता है। इसमें Air Friction के कारण Fuel हवा के साथ नहीं बहता। और gravitational force के कारण, हवा की कम तीव्रता होने पर भी air और mixture आसानी से  Engine सिलिंडर तक पहुंच जाता है। इसमें Engine के बड़े throat Area और mixing tube होने के कारण इसका इस्तेमाल high speed engine में किया जाता है।

3. Cross draught

इस carburetor में horizontal mixing tube लगी होती है। इस प्रकार के carburetor के इस्तेमाल से हम inlet पे 90 degree के turn को दूर कर सकते है। और हवा के बहाव में होने वाली रुकवाट को कम भी किया जा सकता है।

4.Constant Choke Carburetor

इसमें हवा और fuel के बहाव का area हमेशा constant रहता है। लेकिन इसमें engine के इस्तेमाल के मुताबिक pressure difference में बदलाव किये जाते है। ये कुल दो प्रकार के होते है।

  • Solex Carburetor 
  • Zenith carburetor 

5.Constant Vacuum Carburetor

इसमें vacuum हमेशा एक ही पोजीशन में रहती है। जबकि Air और fuel के बहाव का area हमेशा change हो जाता है। इसे Variable Choke Carburetor के नाम से भी पहचाना जाता है। इनके 2 प्रकार है।

1] S.U carburetor

2] Carter carburetor

Kalpesh Solanki

नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग को बनाने का मेरा मुख्य हेतु भारत के यानी मेरे देश के लोगो को हिंदी भाषा में जानकारी देना है। में ब्लॉग इसलिए लिखता हूं ताकि में लोगो को सही ओर सटीक जानकारी इंग्लिश की बजाय हिंदी में दे सकु। में किसी भी निश्चित टॉपिक पे अपना ब्लॉग नहीं बनाता। मुझे जो भी अच्छा लगता है में उसी पे ब्लॉग बनाना पसंद करता हूं। ओर कहीं बार में ऐसे भी ब्लॉग लिखना पसंद करता हूं जिसमें मुझे भी थोड़ा बोहोत सीखने को मिले। तो दोस्तो में ये उम्मीद करता हूं कि आपको भी हमारा ब्लॉग पसंद आता होगा।

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